पाँच तिमाहियों में सबसे तेज़ वृद्धि
भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2025 की जून तिमाही में 7.8% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। यह आँकड़ा बाज़ार की 6.6% वृद्धि की उम्मीदों से अधिक है और पिछले पाँच तिमाहियों में सबसे तेज़ विकास दर है।
वृद्धि के प्रमुख कारण
- निजी खपत: घरेलू मांग में 7% की बढ़ोतरी हुई, जिसे महंगाई में कमी और बेहतर क्रय शक्ति ने समर्थन दिया।
- सरकारी खर्च: सार्वजनिक व्यय 7.4% बढ़ा, जिससे अर्थव्यवस्था को अतिरिक्त बल मिला।
- निवेश वृद्धि: स्थिर पूंजी निर्माण (निवेश संकेतक) में 7.8% की छलांग लगी।
विदेशी व्यापार का दबाव

तेज़ घरेलू वृद्धि के बावजूद, विदेशी व्यापार ने जीडीपी पर नकारात्मक असर डाला। आयात 10.9% बढ़ा जबकि निर्यात केवल 6.3% बढ़ सका। इससे नेट एक्सटर्नल डिमांड का योगदान नकारात्मक रहा।
भविष्य की दिशा
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि खपत, निवेश और महंगाई पर नियंत्रण के साथ भारत 2025 में भी दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
अस्वीकरण: – यह लेख सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) द्वारा जारी आंकड़ों पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल जानकारी और शैक्षणिक उपयोग है। इसे किसी भी प्रकार की निवेश, वित्तीय या आर्थिक सलाह के रूप में न माना जाए।
