Nifty share price
भारतीय स्टॉक मार्केट में आज भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। निफ्टी इंडेक्स की शुरुआत लगभग 80 अंकों की गिरावट के साथ हुई थी, लेकिन बाद में रिकवरी करते हुए यह 24,800 के करीब पहुंच गया। हालांकि, दिनभर बाजार हरे और लाल निशान के बीच झूलता रहा।
पिछले सप्ताह निफ्टी का 50-डे मूविंग एवरेज (50-DMA) के नीचे बंद होना बाजार में कमजोरी का संकेत था। अब 24 जून का स्विंग लो 24,824 एक अहम स्तर बन गया है जिसे निवेशक नज़दीकी सपोर्ट के रूप में देख रहे हैं।
आईटी और रियल्टी सेक्टर पर दबाव
आईटी और रियल्टी इंडेक्स में लगभग 1.5% की गिरावट आई। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) द्वारा घोषित छंटनी की खबर से आईटी सेक्टर में कमजोरी और बढ़ गई। कंपनी के शेयरों में लगभग 1.5% की गिरावट दर्ज की गई।
प्रमुख गिरावट वाले शेयर
कोटक महिंद्रा बैंक, एसबीआई कार्ड्स, सीडीएसएल और लोढ़ा डिवेलपर्स के शेयर लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं। इन शेयरों में गिरावट ने बाजार की समग्र धारणा को कमजोर किया है।
वैश्विक संकेत और घरेलू आंकड़ों पर नज़र

अब निवेशकों की निगाहें अमेरिका में होने वाले बड़े इकोनॉमिक इवेंट्स पर हैं — जिसमें फेडरल रिजर्व की ब्याज दर घोषणा, दूसरी तिमाही की GDP रिपोर्ट, और जुलाई की नौकरियों से संबंधित नॉन-फार्म पेरोल्स शामिल हैं।
भारत में भी कमाई का सीज़न चल रहा है और आज इंडसइंड बैंक, मजगांव डॉक और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) जैसी कंपनियों के नतीजे जारी होंगे। इसके अलावा, जुलाई की ऑटो सेल्स डेटा भी निवेशकों को अहम संकेत देगी।
मार्केट आउटलुक
हालांकि 24,800 तक की रिकवरी कुछ राहत देती है, लेकिन तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि जब तक निफ्टी इस स्तर के ऊपर स्थिर नहीं होता, तब तक नया अपट्रेंड शुरू नहीं होगा। यदि यह स्तर टूटता है, तो बिकवाली का दबाव और तेज़ हो सकता है।
डिस्क्लेमर:- यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई किसी भी जानकारी को निवेश की सलाह न समझें। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है, कृपया किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।
