June 30, 2025
Red Light Emitting Diode

कालीकट विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अगली पीढ़ी की रेड एलईडी (LED) तकनीक में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। नैनोसाइंस और टेक्नोलॉजी विभाग के डॉ. शिबु सिद्धार्थ और उनके पीएचडी छात्र डॉ. रिवल जोस द्वारा विकसित यह नई गोल्ड-कॉपर मिश्र धातु नैनोक्लस्टर आधारित एलईडी (NC-LED) दुनिया की सबसे उच्च दक्षता वाली रेड एलईडी में से एक बन गई है।

इस डिवाइस ने 12.6% की एक्सटर्नल क्वांटम एफिशिएंसी (EQE) के साथ एक संतृप्त, शुद्ध रेड लाइट एमिशन प्रदान किया है| जो कि इस वर्ग की एलईडी के लिए वैश्विक स्तर पर एक रिकॉर्ड मानी जा रही है।

उच्च प्रभाव वाली वैश्विक पत्रिका में हुआ प्रकाशन

इस खोज को और अधिक ऐतिहासिक बनाते हुए, यह शोध कार्य प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका Advanced Materials (Wiley) में प्रकाशित हुआ है, जिसका इम्पैक्ट फैक्टर 27.4 है। यह पहली बार है कि कालीकट विश्वविद्यालय के किसी शोध पत्र को इतनी उच्च-स्तरीय वैश्विक मान्यता मिली है।

डॉ. शिबु सिद्धार्थ ने कहा:
“हमारी नैनोक्लस्टर-आधारित एलईडी तकनीक ठोस अवस्था वाली लाइटिंग में नए आयाम खोल रही है। यह केवल एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय अनुसंधान के लिए गर्व का विषय है।”

भविष्य की डिस्प्ले और लाइटिंग तकनीक के लिए क्रांति

इस नई रेड एलईडी तकनीक से स्मार्टफोन, टीवी और उच्च परिभाषा डिस्प्ले सहित कई डिवाइसों में अधिक ब्राइटनेस और शुद्धता के साथ ऊर्जा कुशल समाधान संभव हो सकते हैं। इसके अलावा, बायोटेक्नोलॉजी, क्वांटम कंप्यूटिंग और मेडिकल डायग्नोस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में भी इसका बड़ा उपयोग हो सकता है।

डिस्क्लेमर:- यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी और विश्वविद्यालय से प्राप्त शोध अद्यतनों पर आधारित है। वैज्ञानिक डेटा और प्रकाशन विवरण लेखन के समय तक की सटीक जानकारी पर आधारित हैं। अधिक तकनीकी या अकादमिक जानकारी के लिए कृपया Advanced Materials पत्रिका में प्रकाशित मूल शोधपत्र देखें या विश्वविद्यालय से संपर्क करें।