
सोमवार, 23 जून को ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में 5% से अधिक की तेज़ बढ़त दर्ज की गई, जब अमेरिका ने सप्ताहांत में ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमला कर दिया। इस घटना ने पहले से ही तनावपूर्ण पश्चिम एशिया में भूराजनीतिक हालात को और गंभीर बना दिया है।
यह हमला इस बात की पुष्टि करता है कि अमेरिका अब इज़राइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में सक्रिय रूप से शामिल हो चुका है, जिससे क्षेत्रीय युद्ध की संभावना और बढ़ गई है। कई दिनों से इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या अमेरिका, इज़राइल का साथ देगा अब इन अटकलों पर विराम लग गया है।
इस घटनाक्रम के बाद वैश्विक निवेशकों और बाज़ारों में बेचैनी देखी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ईरान जवाबी कार्रवाई करता है, तो यह स्थिति और बिगड़ सकती है और इससे कच्चे तेल की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
होर्मुज़ जलडमरूमध्य जो कि ओमान की खाड़ी को फारस की खाड़ी से जोड़ता है| दुनिया के तेल व्यापार का एक अत्यंत महत्वपूर्ण मार्ग है। इसके माध्यम से वैश्विक समुद्री कच्चे तेल का एक बड़ा हिस्सा गुजरता है। यदि ईरान इस मार्ग को बाधित करता है, तो तेल की वैश्विक आपूर्ति पर गंभीर असर पड़ सकता है।
एक अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा विश्लेषक ने कहा, “तेल की कीमतों में रातोंरात आई यह तेजी इस बात का संकेत है कि बाज़ार किसी भी संभावित आपूर्ति संकट को लेकर अत्यधिक सतर्क हो गया है।”
अगर ईरान और अमेरिका के बीच तनाव और बढ़ता है, तो वैश्विक तेल कीमतें और ऊपर जा सकती हैं, जिससे महंगाई और आर्थिक मंदी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
अब पूरी दुनिया की निगाहें ईरान और अमेरिका की अगली कार्रवाइयों पर टिकी हैं। यह देखना अहम होगा कि राजनयिक स्तर पर स्थिति को संभालने की कोशिश होती है या फिर हालात और गंभीर दिशा में बढ़ते हैं।
अस्वीकरण:- यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी पर आधारित है और केवल सामान्य सूचना हेतु लिखा गया है। यह वित्तीय या निवेश सलाह नहीं है। स्थिति लगातार बदल रही है, इसलिए पाठकों से अनुरोध है कि वे ताज़ा और सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों और समाचार माध्यमों का अनुसरण करें।